Air Pollution को लेकर दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला, दिसंबर नहीं नवंबर में होगा विंटर ब्रेक, इस दिन तक बंद रहेंगे सभी स्कूल
Delhi School Winter Break: दिल्ली में एयर पॉल्यूशन को देखते हुए स्कूलों में विंटर ब्रेक इस बार दिसंबर नहीं नवंबर में ही दिया जा रहा है. केजरीवाल सरकार ने 18 नवंबर तक सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दे दिया है.
(Source: PTI)
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Delhi School Winter Break: दिल्ली में एयर पॉल्यूशन की स्थिति दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है. ऐसे में दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. दिल्ली के सभी स्कूलों में 9 नवंबर से 18 नवंबर के बीच विंटर ब्रेक (Delhi Winter Break) लगाने का आदेश दिया है. आमतौर पर दिल्ली के स्कूलों में दिसंबर-जनवरी में विंटर ब्रेक होता है, जिसे इस बार पॉल्यूशन को देखते हुए नवंबर में ही लगाया जा रहा है.
बच्चों के लिए लिया फैसला
दिल्ली सरकार ने एक ऑफिशियल लेटर जारी कर बताया कि दिल्ली में पॉल्यूशन के खतरनाक लेवल को देखते हुए GRAP 4 के नियमों को लागू कर दिया गया है. ऐसे में बच्चों की सेहत का ख्याल रखते हुए 9 नवंबर से 18 नवंबर, 2023 तक विंटर ब्रेक लगाने का फैसला किया गया है. पॉल्यूशन के कारण स्कूलों के बंद होने से बच्चों की पढ़ाई ज्यादा नुकसान न हो, इसके लिए इन छुट्टियों को विंटर ब्रेक के साथ एडजस्ट किया जा रहा है.
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दिल्ली सरकार के इस लेटर के अनुसार दिल्ली के सभी स्कूलों में 9 नवंबर 2023 (कल) से 18 नवंबर 2023 (शनिवार) तक शीतकालीन अवकाश रहेगा. दिल्ली और उसके उपनगरों में हवा की गुणवत्ता बुधवार सुबह फिर से गंभीर श्रेणी में पहुंच गई.
दिल्ली में बिगड़े हालात
पड़ोसी राज्यों में धान की कटाई के बाद पराली जलाने से निकलने वाले धुएं का राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण में एक तिहाई योगदान रहता है. मंगलवार शाम चार बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 395 से बढ़कर 421 पर पहुंच गया. मामूली गिरावट के बावजूद श्वसन प्रणाली में गहराई तक प्रवेश कर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा करने में सक्षम सूक्ष्म कण पीएम 2.5 की सांद्रता राष्ट्रीय राजधानी में सरकार द्वारा निर्धारित 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की निर्धारित सीमा से सात से आठ गुना अधिक हो गई है. यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा निर्धारित 15 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की स्वस्थ सीमा से 30 से 40 गुना अधिक है.
गंगा के मैदानी इलाकों के कई शहरों में हवा की गुणवत्ता खतरनाक बताई गई है. पड़ोसी गाजियाबाद (382), गुरुग्राम (370), नोएडा (348), ग्रेटर नोएडा (474) और फरीदाबाद (396) में भी वायु गुणवत्ता की खतरनाक स्थिति की सूचना मिली है. दिल्ली में पार्टिकुलेट मैटर प्रदूषण के स्रोतों की पहचान करने में सक्षम संख्यात्मक मॉडल-आधारित ढांचा ‘डिसीजन सपोर्ट सिस्टम’ के आंकड़ों के अनुसार, पड़ोसी राज्यों विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से मंगलवार को दिल्ली में वायु प्रदूषण का योगदान 37 प्रतिशत हिस्सा रहा. बुधवार को इसके 33 फीसदी होने की संभावना है.
03:19 PM IST